सबको भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा लेनी चाहिए जो सिर्फ 1 बाल्टी पानी से नहाते हैं. वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े-थोड़े कपड़े धोने के बजाए कपड़ों को इकठ्ठा कर लें और एक साथ धोए।
साल 1992 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में आयोजित ‘पर्यावरण और विकास’ पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में विश्व जल दिवस की पहल हुई. फिर 22 मार्च 1993 को पहली बार विश्व जल दिवस मनाया गया. इसके बाद हर साल पानी की अहमियत, जरूरत और संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर हम आपको बताते हैं पानी की बर्बादी रोकने को कुछ तरीके.
इन तरीकों से बचेगा पानी
अपने घर और दफ्तर में ज्यादा बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में बदलें. मुमकिन हो तो दो बटन वाले फ्लश का टैंक खरीदें, जिसमें पेशाब के बाद थोड़ा पानी और शौच के बाद ज्यादा पानी का बहाव होता है. कहीं भी अगर नल या पाइप लीक होने लगे तो उसे फौरन ठीक करवाएं, इससे काफी पानी को बर्बाद होने से बचाया जा सकता है. बर्तन धोते वक्त नल को लगातार खोलने के बजाए अगर बाल्टी में पानी भरकर काम किया जाए तो काफी पानी बचाया जा सकता है.
गाड़ी धोते वक्त पाइप की बजाए बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें, इससे काफी पानी बर्बाद होने बचता है. नहाते समय शॉवर की बजाए बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें तो काफी पानी की बचत होगी. इसके लिए सबको भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा लेनी चाहिए जो सिर्फ 1 बाल्टी पानी से नहाते हैं. वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े-थोड़े कपड़े धोने के बजाए कपड़ों को इकठ्ठा कर लें और एक साथ धोएं.
ब्रश करते समय, दाढ़ी बनाते वक्त या सिंक में बर्तन धोते समय नल तभी खोलें जब आपको पानी की जरूरत हो, बेकार में पानी को बहने ना दें. सार्वजनिक पार्क, गली-मोहल्ले, अस्पताल, स्कूलों में जहाँ कहीं भी नल की टोंटियां खराब हों या पाइप से पानी लीक हो रहा हो, तो फौरन संबंधित विभाग या व्यक्ति को सूचित करें. इस तरह हजारों लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है.
बाग-बगीचों और घर के आसपास पौधों में पाइप से पानी देने के बजाए वाटर कैन का इस्तेमाल करके काफी पानी की बचत हो सकती है. आरओ मशीन में फिलटर होने वाले कुल पानी का तकरीबन 75 फीसदी बर्बाद हो जाता है, इसलिए कोशिश करें कि मशीन के वेस्ट पाइप से निकलने वाले पानी को बाल्टी में इकठ्ठा कर लिया जाए, या पाइप लंबा करके उसे पौधों को सींचने के काम में लाया जाए. इसी तरह एसी से निकलने वाले पानी को भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
औद्योगिक इलाकों और कारखानों में पानी की खपत को कम करने लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए. अक्सर लोग सब्जियों और फलों को रनिंग वाटर से धोते हैं, अगर इसकी जगह आप किसी बड़े भगौने या बर्तन में पानी भरकर सब्जियों को धोएं तो पानी भी कम लगेगा और वो ठीक से साफ भी हो जाएंगी.
जल दिवस का महत्व
यह निर्विवाद सत्य है कि सभी जीवित प्राणियों की उत्पत्ति जल में हुई है। वैज्ञानिक अब पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर पहले पानी की खोज को प्राथमिकता देते हैं। पानी के बिना जीवन जीवित ही नहीं रहेगा। इसी कारणवश अधिकांश संस्कृतियां नदी के पानी के किनारे विकसित हुई हैं … इस प्रकार ‘जल ही जीवन है’ का अर्थ सार्थक है। दुनिया में, 99% पानी महासागरों, नदियों, झीलों, झरनों आदि के अनुरूप है। केवल 1% या इससे भी कम पानी पीने के लिए उपयुक्त है। हालाँकि, पानी की बचत आज की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता है। केवल पानी की कमी पानी के अनावश्यक उपयोग के कारण है। बढ़ती आबादी और इसके परिणामस्वरूप बढ़ते औद्योगिकीकरण के कारण, शहरी मांग में वृद्धि हुई है और पानी की खपत बढ़ रही है। आप सोच सकते हैं कि एक मनुष्य अपने जीवन काल में कितने पानी का उपयोग करता है, किंतु क्या वह इतने पानी को बचाने का प्रयास करता है? असाधारण आवश्यकता को पूरा करने के लिए, जलाशय गहरा गया है। इसके परिणामस्वरूप, पानी में लवण की मात्रा में वृद्धि हुई है।
वैश्विक जल संरक्षण के वास्तविक क्रियाकलापों को प्रोत्साहन देने के लिये विश्व जल दिवस को सदस्य राष्ट्र सहित संयुक्त राष्ट्र द्वारा मनाया जाता हैं। इस अभियान को प्रति वर्ष संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की एक इकाई के द्वारा विशेष तौर से बढ़ावा दिया जाता है जिसमें लोगों को जल से संबंधित मुद्दों के बारे में सुनने व समझाने के लिये प्रोत्साहित करने के साथ ही विश्व जल दिवस के लिये अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का समायोजन भी शामिल है। इस कार्यक्रम की शुरूआत से ही विश्व जल दिवस पर वैश्विक संदेश फैलाने के लिये थीम (विषय) का चुनाव करने के साथ ही विश्व जल दिवस को मनाने की सारी जिम्मेवारी संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण तथा विकास एजेंसी की हैl
विश्व जल दिवस का थीम
- 1. वर्ष 2016 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और नौकरियाँ” था
- 2. वर्ष 2015 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और दीर्घकालिक विकास” था
- 3. वर्ष 2014 के विश्व जल दिवस का थीम “जल और ऊर्जा” थाl
- 4. वर्ष 2013 के विश्व जल दिवस का थीम “जल सहयोग” थाl
- 5. वर्ष 2012 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम “जल और खाद्य सुरक्षा” था
- 6. वर्ष 2017 के विश्व जल दिवस उत्सव का थीम "अपशिष्ट जल" था|
- 7. वर्ष 2018 के लिए विश्व जल दिवस का थीम "जल के लिए प्रकृति के आधार पर समाधान" था
- 8. वर्ष 2019 के लिए विश्व जल दिवस का थीम "किसी को पीछे नहीं छोड़ना" था
- 9. वर्ष 2020 के लिए विश्व जल दिवस का थीम है "जल और जलवायु परिवर्तन"[5]|
- 10. वर्ष 2021 के लिए विश्व जल दिवस का थीम है " पानी का महत्व " रखा गया है।
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