Thursday, April 1, 2021

9 वाँ हार्ट 'ऑफ एशिया' सम्मेलन


हाल ही में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर अफगानिस्तान पर 9वें हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रोसेस (Heart of Asia-Istanbul Process – HoA-IP) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए ताजिकिस्तान की राजधानी पहुंचे।

मुख्य बिंदु

यह सम्मेलन इस्तांबुल प्रक्रिया (Istanbul Process) का एक हिस्सा है। यह सम्मेलन दुशांबे (Dushanbe) में आयोजित किया गया था। Heart of Asia – Istanbul Process (HoA-IP) 2 नवंबर, 2011 को लॉन्च किया गया था। Heart of Asia – Istanbul Process (HoA-IP) अफगानिस्तान और तुर्की एक पहल है। भारतीय पक्ष की ओर से अफगानिस्तान में 9वें Heart of Asia – Istanbul Process (HoA-IP) में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भाग लिया।

अफगानिस्तान पर 9वां हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रोसेस (HoA-IP) मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में 50 देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इससे पहले 8वां हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल प्रोसेस (HoA-IP) मंत्रीस्तरीय सम्मेलन 9 दिसंबर, 2019 को तुर्की के इस्तांबुल में आयोजित किया गया था।

चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में ताजिकिस्तान के दुशानबे में हार्ट ऑफ एशिया– इस्तानबुल प्रोसेस (एचओए-आईपी) का 9वाँ मंत्रीस्तरीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। इसमें भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भाग लिया।

9वाँ हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के महत्वपूर्ण बिन्दु:

  • भारत के विदेश मंत्री ने तजाकिस्तान के दुशानबे में हार्ट ऑफ एशिया इस्तानबुल प्रोसेस (एचओए-आईपी) के 9 वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपना व्यक्तव्य दिया। उनके संबोधन के महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित है-
  1. स्थिर, संप्रभु और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान वास्तव में हमारे देश में शांति और प्रगति का आधार है। अफगानिस्तान को आतंकवाद, हिंसक अतिवाद और ड्रग एवं आपराधिक सिंडिकेट से मुक्त करना एक "सामूहिक अनिवार्यता" है। इस क्षेत्र में प्रगति के लिए "स्थिर" अफगानिस्तान का होना अत्यंत आवश्यक है।
  2. 2020 में अफगानिस्तान में 2019 की तुलना में हिंसा में 45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अफगानिस्तान में विदेशी लड़ाकों की निरंतर भागीदारी विशेष रूप से परेशान करने वाली है इसलिए, हार्ट ऑफ एशिया के सदस्यों और सहायक देशों को हिंसा में तत्काल कमी लाने हेतु एक स्थायी और व्यापक संघर्ष विराम के लिए इसे प्राथमिकता देना चाहिए।
  3. अफगानिस्तान में एक स्थायी शांति के लिए, हमें एक वास्तविक ‘दोहरी शांति’ की आवश्यकता है, अर्थात अफगानिस्तान के भीतर शांति और अफगानिस्तान के आसपास शांति। इसके लिए उस देश के भीतर और आसपास, दोनों के हितों के सामंजस्य की आवश्यकता है।
  4. भारत अफगान सरकार और तालिबान के बीच बातचीत को तेज करने के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का समर्थन करता है, जिसमें अंतर-अफगान वार्ता भी शामिल है। हालांकि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि तालिबान को मुख्यधारा से जोड़ने के साथ, महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर भी विशेष ध्यान दिया जाये।
  5. भारत ने अफगानिस्तान के विकास और पुनर्निर्माण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का परिचय दिया। अफगानिस्तान के लिए 3 बिलियन यू.एस. डॉलर की विकास साझेदारी, जिसमें सभी 34 प्रांतों को कवर करने वाले 550 से अधिक सामुदायिक विकास परियोजनाएं (काबुल में अधिक पेयजल का वादा उस सूची में नवीनतम है) शामिल हैं।
  6. ईरान में चाबहार पोर्ट और भारत और अफगानिस्तान के शहरों के बीच समर्पित एयर फ्रेट कॉरिडोर जैसी परियोजनाएं हमारे प्रयासों का हिस्सा हैं। भारत द्वारा अफगानिस्तान के विकास और पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्धता का उद्देश्य अफगानिस्तान को आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाना है।

हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के बारे में

  • इसकी स्थापना 2 नंवबर 2011 को इस्तानबुल तुर्की में हुई थी।
  • इसका उद्देश्य अफगानिस्तान को स्थिरता व समृध्दि प्रदान करना है।
  • अफगानिस्तान के सहयोग के लिए स्थापित हार्ट ऑफ एशिया के सदस्य देशों की संख्ता 14 है।
  • भारत भी इसका एक सदस्य राष्ट्र है।
  • यह संगठन क्षेत्रीय देशों के बीच संतुलन साधने तथा आपसी सहयोग बढ़ाने का काम भी करता है।
  • इसमें 17 सहयोगी देश और 12 सहायक और अंतरराष्ट्रीय संगठन भी सामिल है।
  • वर्ष 2016 का 6वाँ हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन भारत के अमृतसर में हुआ था इसका मुख्य उद्देश्य आंतकवाद को खत्म करना था।

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