Saturday, May 22, 2021

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 / BCS-SIAS

 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22 (

सरकार ने जनता को सस्ती दरों पर सोना खरीदने का मौका दिया है। निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) योजना के तहत बाजार मूल्य से काफी कम दाम में सोना खरीद सकते हैं। यह योजना सिर्फ पांच दिन के लिए (17 मई से 21 मई तक) खुली है। यानी आज इसका आखिरी दिन है। इसलिए अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो देर न करें। इसकी बिक्री पर होने वाले लाभ पर आयकर नियमों के तहत छूट के साथ और कई लाभ मिलेंगे। यह जानकारी वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान से मिली है। सरकार की ओर से गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए यह वित्त वर्ष 2021-22 की पहली श्रृंखला है। वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मई से लेकर सितंबर के बीच छह किस्तों में जारी किए जाएंगे। 


चर्चा में क्यों?

  • हाल ही में भारत सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22’ (Sovereign Gold Bond Scheme 2021-22) को 24 मई से 28 मई, 2021 के लिए खोला जाएगा।
  • इस खरीद अवधि के दौरान बॉन्ड का निर्गम मूल्य 4,842 रुपये प्रति ग्राम होगा, जैसा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 21 मई, 2021 को जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में भी प्रकाशित किया गया है।
  • भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श से उन निवेशकों को निर्गम मूल्य पर 50 रुपये प्रति ग्राम छूट देने का फैसला लिया है, जो ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करेंगे।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2021-22  BCS-S IAS



प्रमुख बिन्दु

  • कुछ दिनों पूर्व भारत सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने का निर्णय लिया था। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मई 2021 से सितंबर 2021 तक छह किस्तों में जारी किए जाएंगे।
  • इन बॉन्डों की बिक्री अनुसूचित बैंकों (लघु वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों जैसे कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बंबई स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड के जरिये की जाएगी।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना (Sovereign Gold Bond Scheme)

  • गोल्ड मुद्रीकरण योजना के तहत सरकार द्वारा नवम्बर 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉण्ड स्कीम में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत भारत सरकार के परामर्श से भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किश्तों में निवेश शुरू किया गया है।
  • सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को फिजिकल रूप में सोना नहीं मिलता है। हालांकि यह फिजिकल गोल्ड की तुलना में अधिक सुरक्षित है। जहां तक शुद्धता की बात है तो इलेक्ट्रॉनिक रूप में होने के कारण इसकी शुद्धता पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता है।
  • इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा)। वहीं इसका लोन के लिए भी उपयोग कर सकते हैं। अगर बात रिडेंप्शन की करें तो पांच साल के बाद कभी भी इसको भुना सकते हैं।

कौन कर सकता है निवेश?

  • बॉन्ड की बिक्री व्यक्तिगत रूप से यहां के निवासियों, हिंदू अविभाजित परिवार, न्यास, विश्विविद्यालय और परमार्थ संस्थानों को ही की जाएगी। इसमें व्यक्तिगत रूप से और हिंदू अविभाजित परिवार प्रति वित्त वर्ष न्यूनतम एक ग्राम सोने और अधिकतम चार किलो सोने के लिए निवेश कर सकते हैं।
  • जबकि न्यास और इस प्रकार की अन्य इकाइयां प्रति वर्ष 20 किलो सोने में निवेश कर सकती हैं।
  • स्वर्ण बॉन्ड की बिक्री बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, मनोनीत डाकघरों और मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों (बीएसई और एनएसई) के जरिये की जाएगी।

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