24 may current affair |
2023 में होगा एशिया कप 2021 का आयोजन
एशिया कप 2021 के आयोजन को दो साल के लिए स्थगित कर दिया गया है. एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) ने 23 मई 2021 को इसकी जानकारी दी. एसीसी के अनुसार, एशिया कप 2021 का आयोजन 2023 में होगा. क्रिकेट कैलेंडर में लगातार बदलाव होने के चलते समय उपलब्ध नहीं होने के कारण एशिया कप 2021 टूर्नामेंट अब 2023 में होगा.
एशिया कप का अयोजन 2018 से नहीं हुआ है. इस साल इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट को पाकिस्तान से श्रीलंका में स्थानांतरित किया गया था लेकिन वहां भी मामलों के बढ़ने के कारण इसे रद्द करना पड़ा. बता दें कि एशिया कप 2020 का आयोजन कोरोना के चलते 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. मालूम हो कि पिछले दो एशिया कप में भारत ने खिताब जीता है.
एसीसी ने कहा कि बोर्ड ने हालात को देखते हुए बेहद सतर्कता से इस मुद्दे पर विचार किया और फैसला किया कि प्रतियोगिता को स्थगित करना ही विकल्प है. बयान में कहा कि टूर्नामेंट के इस सत्र का आयोजन 2023 में कराना ही व्यावहारिक होगा, क्योंकि 2022 में पहले ही एशिया कप का आयोजन होना है. समय आने पर इसकी तारीखों की पुष्टि की जाएगी.
हरियाणा सरकार ने नई संजीवनी परियोजना शुरू की, जानिए विस्तार से
परियोजना में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों की देखभाल तुरंत उनके घर पर ही की जाएगी. इससे उन्हें इलाज के लिए घर से नहीं निकलना होगा और न ही अस्पताल जाना पड़ेगा.
हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में कोविड-19 के आंशिक या मध्यम लक्षण वाले मरीजों को घर पर जल्द से जल्द चिकित्सीय देखरेख उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार 24 मई 2021 को कोविड-19 रोधी 'संजीवनी परियोजना’ की शुरुआत की.
परियोजना में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों की देखभाल तुरंत उनके घर पर ही की जाएगी. इससे उन्हें इलाज के लिए घर से नहीं निकलना होगा और न ही अस्पताल जाना पड़ेगा. यह जानकारी सरकार के प्रवक्ता ने दी है. इससे अस्पतालों पर दबाव भी कम होगा.
‘संजीवनी परियोजना’ उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल का विस्तार करेगी, जहां वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता कम है. सरकार का मानना है कि समुचित देखभाल से 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है.
परियोजना के तहत कोविड हॉटलाइन का संचालन
अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, एंबुलेंस ट्रैकिंग और घर-घर जागरूकता अभियान जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र प्रदान करेगी. परियोजना के अंतर्गत कोविड हॉटलाइन का संचालन होगा, जो संदिग्ध या क्लीनिक में इलाज किए गए कोविड-19 के रोगियों को बुनियादी प्रशिक्षण व मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए मौजूदा कॉल सेंटर की क्षमताओं को बढ़ाएगी.
कोविड-19 के हल्के से मध्यम मरीजों को उपचार और निगरानी प्रदान करने हेतु टेलीमेडिसिन व आभासी स्वास्थ्य क्षमताओं को बढ़ाएगी. होम केयर किट का वितरण किया जाएगा, जिसमें एक मास्क, एक ऑक्सीमीटर, एक थर्मामीटर और बुनियादी दवाएं शामिल हैं. अतिरिक्त एंबुलेंस की खरीद और मोबाइल फार्मेसियों का विकास किया जाएगा.
म्यूकरमायकोसिस क्या है
पूरा देश कोरोना वायरस संकट की दूसरी लहर से जूझ रहा है. कोरोनावायरस की दूसरी लहर में एक और बीमारी अपना कहर बरपा रही है. इसका नाम है म्यूकरमायकोसिस जिसे ब्लैक फंगस भी कहते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इसकी स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट को लेकर प्रमाण आधारित एडवाइजरी जारी की है.
म्यूकरमायकोसिस एक तरह का काफी दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है जो शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. इसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है. म्यूकरमायकोसिस इंफेक्शन दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी हो सकता है. इस बीमारी में कई के आंखों की रोशनी चली जाती है वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है. अगर इसे समय रहते कंट्रोल न किया गया तो इससे मरीज की मौत भी हो सकती है. यह मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जो स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा पर हैं जो पर्यावरणीय रोगजनकों से लड़ने की उनकी क्षमता को कम करता है.
इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, खूनी उल्टी और बदली हुई मानसिक स्थिति के साथ आंखों या नाक के आसपास दर्द और लाली दिखना शामिल हैं. वहीं स्किन पर ये इंफेक्शन होने से फुंसी या छाले पड़ सकते हैं और इंफेक्शन वाली जगह काली पड़ सकती है. कुछ मरीजों को आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना, पेट दर्द, उल्टी या मिचली भी महसूस होती है.म्यू
करमायकोसिस का इलाज
हालांकि इसका इलाज एंटीफंगल के साथ किया जाता है, लेकिन ब्लैक फंगस में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है. डॉक्टरों के अनुसार, डायबिटीज को नियंत्रित करना, स्टेरॉयड का उपयोग कम करना और इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग्स को बंद करना सबसे महत्वपूर्ण हैं.
गुजरात-महाराष्ट्र में मामले आए
चक्रवात यास: भीषण रूप ले सकता है यास तूफान, IMD ने इन राज्यों को भेजा भारी बारिश का अलर्ट
म्यूकरमायकोसिस जिसे बोलचाल में लोग काली फंगस कह रहे हैं, इसके कई मरीज सामने आए हैं. इस समस्या से पीडि़त लोगों में कई तरह की समस्याओं के साथ सबसे बड़ा खतरा अंधे होने का है. इसके ज्यादातर मामले अभी महाराष्ट्र और गुजरात में मिले हैं.
मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा है कि अगले 24 घंटों के दौरान गंभीर चक्रवाती तूफान उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा, और 26 मई की सुबह तक उत्तर ओडिशा और पश्चिम बंगाल तटों से टकराएगा. इस दौरान तूफानी हवाएं 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकती हैं.
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, इसके पारादीप और सागर द्वीप के बीच 26 मई की दोपहर के आसपास अति भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में पहुंचने की संभावना है. मौसम विभाग ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, झारखंड, बिहार, असम, मेघालय, सिक्किम समेत दर्जनभर राज्यों के मुख्य सचिवों को अलर्ट भेजा है. मौसम विभाग के अनुसार तूफान का असर 27 मई तक रह सकता है.
बिहार में यास का असर
सुपर साइक्लोन यास के कारण पूरे बिहार में 25 मई से तेज़ बारिश और आंधी की चेतावनी दी गई है. 25 मई की देर शाम से पूरे प्रदेश में बारिश और आंधी के आसार हैं. साथ ही बज्रपात की आशंका है़ इसका सबसे ज्यादा असर उत्तर पूर्वी बिहार पर पड़ने की आशंका है़.
पीएम मोदी ने बैठक की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 23 मई 2021 को चक्रवात यास को लेकर समीक्षा बैठक की. उन्होंने इस दौरान वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधियों और दूरसंचार, बिजली, नागरिक उड्डयन, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालयों के सचिवों के साथ चर्चा की. बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे.
रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द की
मौसम विभाग के जारी तूफान के अलर्ट के बाद भारतीय रेलवे ने नई दिल्ली से पुरी और भुवनेश्वर जाने वाली कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है. इसमें हावड़ा-यशवंतपुर एक्सप्रेस समेत कई गाड़ियां शामिल हैं.
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